भई जु आनि अबाज आय सहाबुद्दीन सुर पद की व्याख्या
भई जु आनि अबाज आय सहाबुद्दीन सुर पद की व्याख्या भई जु आनि अबाज, आय सहाबदीन सुर । आज …
भई जु आनि अबाज आय सहाबुद्दीन सुर पद की व्याख्या भई जु आनि अबाज, आय सहाबदीन सुर । आज …
निकट नगर जब जान, जाय वरि विंद उभय मय पद की व्याख्या निकट नगर जब जान, जाय वरि विंद …
बज्जिय घोर निसान रान चौहान चहुं दिस पद की व्याख्या बज्जिय घोर निसान, रान चौहान चहुं दिस। सकल सूर सामंत, …
सुनि गज्जनै आवाज पद की व्याख्या सुनि गज्जनै आवाज, चढ्यो साहाबदीन बर। पुरासान सुलतान, कास काविलिय मीर घर। जंग …
उहै घरी उहि पलनि, उहै बिना पद की व्याख्या उहै घरी उहि पलनि, उहै बिना यर उहै सजि । …
हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए ग़ज़ल की व्याख्या हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए …
प्रिय प्रथिराज नरेस जोग लिखि पद की व्याख्या प्रिय प्रथिराज नरेस, जोग लिखि कग्गर दिन्नौ । लगुनि बरगि रचिं …
कुट्टिल केस सुदेस पद की व्याख्या कुट्टिल केस सुदेस, पौहप रवियत पिक्क सद । कमलगंध वयसंध, हंसगति चलत मन्द …
मनहुं कला ससिभान पद की व्याख्या मनहुं कला ससिभान, कला सोलह सो बन्निय । बाल बेसि ससि ता समीप, अम्रित …
केवल हिम कविता की व्याख्या/ भाव सौंदर्य केवल हिम कविता नई कविता के प्रमुख कवियों में से एक नरेश …