Marizanne Kapp and Dane Van Niekerk marriage Same sex marriage
हाल के वर्षों में ‘Same sex marriage’ दुनिया भर में बहस का मुद्दा बन गया है। जबकि अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, फ्रांस समेत कई देशों ने ‘Same sex marriage’ को वैध कर दिया है। अभी भी ज्यादातर लोग इस सवाल से जूझ रहे हैं कि LGBTQIA+ जोड़ों को शादी करने का अधिकार दिया जाए या नहीं। भारत में भी एक याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस पर अपना पक्ष रखने को कहा। जवाब में केन्द्र सरकार ने परंपराओं का हवाला देते हुए सेम सेक्स मैरिज के ख़िलाफ़ दलील दी, जो कि बेहद निराशाजनक है। LGBTQIA+ कम्युनिटी के लोगों के लिए शादी करने की हक़ केवल कानूनी मान्यता का मामला नहीं है, बल्कि बुनियादी मानवीय गरिमा और समानता का मामला है। कितने अफ़सोस की बात है, कि दो एडल्ट लोगों को अपनी मर्जी से जीवनसाथी चुनने के लिए इतनी लड़ाई लड़नी पड़ती है।
इस कपल के यूनियन ने दक्षिण अफ्रीका सहित दुनिया के कई हिस्सों में LGBTQIA+ लोगों संघर्षों की ओर भी दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। 2018 में, ह्यूमन राइट्स कैंपेन फ़ाउंडेशन द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में पाया गया कि 46% दक्षिण अफ़्रीकी लोगों का मानना था कि समलैंगिकता को समाज में स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। यहां ध्यान देने योग्य बात यह है, कि यह स्थिति तब है जबकि वहां सेम सेक्स मैरिज (Same sex marriage) के लिए कानून बन चुका है। इसके बावजूद देश में मौजूद LGBTQIA+ कम्युनिटी के लोगों को को अभी भी भेदभाव और हिंसा का सामना करना पड़ता है।
कैप और वैन नीकेर्क की शादी ने एक ऐसे देश में प्यार के एक प्रतीक के रूप में काम किया जहां LGBTQIA+ कम्युनिटी के अधिकारों को अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है। कपल को उम्मीद है, कि उनकी शादी कम्युनिटी के लोगों को खुले तौर पर और भेदभाव के डर के बिना अपना जीवन जीने के लिए प्रेरित करेगी।
ESPN क्रिक इन्फो के साथ एक इंटरव्यू में कैप ने कहा, “लोगों के लिए यह ज़रूरी है, कि वे अपनी आईडेंटिटी के साथ सहज और खुश रहें, इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि इससे लोग क्या सोच सकते हैं। यदि आप जो हैं उससे खुश हैं, तो आप और अधिक बेहतर होने जा रहे हैं।”
इन फेमस क्रिकेटर्स के यूनियन ने खेलों में LGBTQIA+ कम्युनिटी के लोगों की बढ़ती आईडेंटिटी को भी उजागर किया। जो अरसे से उन लोगों के लिए एक कठिन और भेदभावपूर्ण रहा है जो नॉन बायनरी आईडेंटिटी रखते हैं। हालांकि अभी भी दूसरे क्षेत्रों की तरह खेल में LGBTQIA+ प्रतिनिधित्व के मामले में अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है। यह कहानी भेदभाव और हिंसा का सामना करने वाले LGBTQIA+ कम्युनिटी के लोगों को एक उम्मीद दिलाता है कि खेल सहित जीवन के सभी क्षेत्रों में प्रतिनिधित्व मायने रखता है।
© प्रीति खरवार
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