बहुत बड़ा सवाल एकांकी: महत्त्वपूर्ण बिन्दु
1.बहुत बड़ा सवाल एकांकी के एकांकीकार का नाम बताइए।
* बहुत बड़ा सवाल एकांकी के एकांकीकार का नाम मोहन राकेश है ।
2.मोहन राकेश द्वारा रचित नाटकों के नाम बताइए।
*नाटककार मोहन राकेश द्वारा रचित नाटक आषाढ़ का दिन, लहरों के राजहंस, और आधे अधूरे, सपने इत्यादि हैं।
3.मोहन राकेश किस प्रकार के नाटककार हैं?
*मोहन राकेश प्रयोगधर्मी और नये नाटककार हैं।
4.”अण्डे के छिलके” किसकी और किस विधा की रचना है?
*अन्डे के छिलके” मोहन राकेश द्वारा रचित एक एकांकी है।
5.बहुत बड़ा सवाल एकांकी किस प्रकार का एकांकी है?
*बहुत बड़ा सवाल एकांकी व्यंग्यपूर्ण एकांकी है।
6.मनोरमा और गुरप्रीत किस एकांकी के पात्र हैं?
*मनोरमा और गुरप्रीत बहुत बड़ा सवाल एकांकी के पात्र हैं।
7.रामभरोसे और श्यामभरोसे कौन हैं?
*रामभरोसे और श्यामभरोसे बहुत बड़ा सवाल एकांकी में चपरासी हैं।
8.बहुत बड़ा सवाल एकांकी की मूल संवेदना पर प्रकाश डालिए।
*बहुत बड़ा सवाल एकांकी भारतीय समाज की खोखली मानसिकतापर व्यंग्य करता है। एकांकी बताता है कि दफ्तरों में होने वाली मीटिंग में समय खराब करने के अलावा कोई सार्थक निर्णय नहीं लिया जा सकता है।
कर्मचारियों मे आपसी तालमेल का पूर्णतया अभाव है और सब एक दूसरे की टांग खींचने का काम करते हैं। आपस में फूहड़ हंसी-मजाक और महिलाओं के प्रति बीमार सोच दिखा देते हैं। मोहन के माध्यम से आत्मसम्मान और स्वाभिमान के महत्व पर प्रकाश डालने के साथ बीमार व्यवस्था पर व्यंग्य किया गया है।
बहुत बड़ा सवाल एकांकी में सरकारी कर्मचारियों की दिनचर्या और स्त्री-पुरुष संबंधों पर भी प्रकाश डाला गया है। इस एकांकी द्वारा उठाए गए कुछ बिन्दु निम्न है:-
1.निम्न श्रेणी के कर्मचारियों की दुर्दशा
2.सहयोग की भावना का अभाव
3.सरकारी नियमों को अमल में न लाना
4.सहकर्मियों की बेतुकी आपसी बातचीत
5.महिलाओं के प्रति परम्परागत दृष्टिकोण
6.जुबानी जमाखर्च की व्यर्थ कवायद
7.संवादों का चुटीलापन दर्शनीय
8.भाषा का सांकेतिक या प्रतीकात्मक प्रयोग
कुल मिलाकर कहा जा सकता है, कि मोहन राकेश रचित बहुत बड़ा सवाल एकांकी में बिना मतलब की बात,बेतुके तर्क, दूसरे वक्ता की अकारण टांग खिंचाई,स्त्री-पुरुष संबंधी अनावश्यक और स्तरहीन मज़ाक, दफ्तरी वातावरण का सजीव चित्रण, कर्मचारियों की आपसी खींचतान,मीटिंग के नाम पर होने वाली टी-पार्टी और बहस तथा प्रस्तावों के नाम पर होने वाले नाटक पर प्रभावी व्यंग्य किया गया है।
इसके साथ ही धर्म, देश, राजनीति, परिवार और समाज के साथ-साथ निम्नस्तरीय कर्मचारियों की दुःखद आर्थिक चित्रण बड़ी बारीकी से किया गया है। एकांकी के पात्र भी काल्पनिक पात्र न लगकर हमारे आस-पास रहने वाले जीवित मनुष्यों जैसे ही सामान्य प्रतीत होते हैं। एक सटीक विषय पर मोहन राकेश ने सफल एकांकी की रचना की है।
© डॉ. संजू सदानीरा
इसी तरह अगर आप मकड़ी का जाला एकांकी की मूल संवेदना या सारांश पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें..
1 thought on “बहुत बड़ा सवाल एकांकी: महत्त्वपूर्ण बिन्दु”