उहै घरी उहि पलनि, उहै बिना पद की व्याख्या

उहै घरी उहि पलनि, उहै बिना पद की व्याख्या

 

उहै घरी उहि पलनि, उहै बिना यर उहै सजि ।

सकल सूर सामन्त, लिए सब बौलि बंध बजि ।।

अरु कवि चन्द अनूप, रूप सरसै बर कह बहु ।

और सेन सब पच्छ, सहस सेना तिय सष्षहु।।

चामण्डराय दिल्ली धरत, गढ़पति करि गढ़ भारे दिय ।

अलगार राज प्रधिराज , पूरब दिसि तब गमन किय ।।

 

प्रसंग

प्रस्तुत पद आदिकाल के सुप्रसिद्ध कवि चंदबरदाई द्वारा रचित पृथ्वीराजरासो के पद्मावती समय से लिया गया है।

 

संदर्भ

इस पद में कवि ने पद्मावती की चिट्ठी पाकर पृथ्वीराज चौहान के समुद्रशिखर की ओर प्रस्थान करने का वर्णन किया है।

 

व्याख्या

पद्मावती की चिट्ठी पढ़ने के बाद उस घड़ी, उसी पल, उसी दिन तथा उसी समय राजा पृथ्वीराज अपने विवाह और प्रस्थान की तैयारी करता है। वह तुरंत विवाह और विकट परिस्थितियों का खाका तैयार कर सब साज सजाकर अपने शूरवीर सामंतों को बुलाकर प्रस्थान करने हेतु नगाड़े बजवा देता है। पृथ्वीराज के साथ उसका प्रिय कवि चंदबरदाई भी चलता है जो अपने राजा के प्रयाण के समय उसके सुंदर वर ( दूल्हा ) रूप की विभिन्न शब्दों में प्रशंसा करता है।

उसकी सारी सेना उनके पीछे चल रही थी, केवल एक हजार सैनिक आगे थे। ( यह अर्थ भी ध्वनित होता है कि शेष सेना पीछे छोड़ कर वह अपने साथ तीन हजार सैनिक लेकर आगे बढ़ा )। पृथ्वीराज ने जाने से पहले अपने सामंत चामंडराय को दिल्ली और गढ़ का भार सौंप दिया। उसके बाद गुप्त रूप से पृथ्वीराज ने पूर्व दिशा (समुद्रशिखर) की ओर गमन किया।

 

विशेष

1.पृथ्वीराज को भी पद्मावती की तरह विवाह हेतु गंभीर दिखाया गया है।

2.एक राजा की अपने राज्य को छोड़ते समय की चिंता व व्यवस्था का यथार्थ चित्रण किया गया है।

3. चारण कवियों का युद्ध के लिए निकलते समय और विवाह के अवसर पर अपने राजा की प्रशंसा करना परंपरा से देखा गया है।

4.भाषा अपभ्रंश मिश्रित राजस्थानी है।

5.शैली वर्णनात्मक है।

 

© डॉक्टर संजू सदानीरा

 

प्रिय प्रथिराज नरेस जोग लिखि पद की व्याख्या

Dr. Sanju Sadaneera

डॉ. संजू सदानीरा एक प्रतिष्ठित असिस्टेंट प्रोफेसर और हिंदी साहित्य विभाग की प्रमुख हैं।इन्हें अकादमिक क्षेत्र में बीस वर्षों से अधिक का समर्पित कार्यानुभव है। हिन्दी, दर्शनशास्त्र, मनोविज्ञान विषयों में परास्नातक डॉ. संजू सदानीरा ने हिंदी साहित्य में नेट, जेआरएफ सहित अमृता प्रीतम और कृष्णा सोबती के उपन्यासों पर शोध कार्य किया है। ये "Dr. Sanju Sadaneera" यूट्यूब चैनल के माध्यम से भी शिक्षा के प्रसार एवं सकारात्मक सामाजिक बदलाव हेतु सक्रिय हैं।

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